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साउथ अफ्रीका के हेड कोच पर विवादास्पद टिप्पणी
नई दिल्ली। टीम इंडिया के खिलाफ चल रही टेस्ट सीरीज के दौरान साउथ अफ्रीका के हेड कोच शुकरी कोनराड ने एक विवादास्पद टिप्पणी की थी, जिसके बाद उनकी आलोचना शुरू हुई। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने भारत के लिए ‘ग्रोवेल’ शब्द का उल्लेख किया, जिसका अर्थ किसी को ‘घुटने के बल लाना’ है। इस मामले पर अब उन्होंने अपनी चुप्पी तोड़ी है, लेकिन भारतीय टीम से माफी मांगने के लिए तैयार नहीं हैं।
कौन सा शब्द बेहतर हो सकता था?
शनिवार को विशाखापट्टनम में तीसरे वनडे मैच के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोनराड ने कहा, “मेरा इरादा कभी भी किसी का अपमान करना या घमंडी होना नहीं था। मैंने सोचा कि मैं इस संदर्भ में बेहतर शब्द चुन सकता था, जिससे लोग अपने तरीके से व्याख्या करने के लिए ना मजबूर हों। मैं केवल यह चाहता था कि भारत मैदान पर अधिक समय बिताए और उन्हें मुश्किल स्थिति में डाले। मुझे अब ध्यान रखना होगा कि कौन सा शब्द प्रयोग करूं, क्योंकि हर शब्द का अपना संदर्भ होता है।”
भारत में टेस्ट क्रिकेट की चुनौतियां
कोनराड से 25 नवंबर को गुवाहाटी टेस्ट की चौथी शाम को पूछा गया कि उनकी टीम ने 549 रन की बढ़त लेने से पहले बैटिंग में इतना समय क्यों बर्बाद किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह चाहते थे कि भारतीय खिलाड़ी मैदान पर अधिक समय बिताएं और उन्हें वास्तविक परेशानी में डालें, जैसा कि एक कहावत है। इसके साथ ही उन्होंने कहा, “हम चाहते थे कि वे पूरी तरह खेल से बाहर रहें और अंतिम दिन एक घंटे तक टिके रहें।”
एक शब्द के कारण उपजा विवाद
कोनराड के वक्तव्य में एक शब्द ‘ग्रोवेल’ विवादित बना। इस शब्द का प्रयोग गुलामी, उपनिवेशवाद और नस्लवाद से जुड़ा हुआ है। इसे पहले भी टोनी ग्रेग द्वारा इसी तरह विवाद पैदा करने के लिए इस्तेमाल किया गया था। कोनराड ने आगे कहा, “यह बेहद अफसोस की बात है। हो सकता है कि इससे वनडे सीरीज में और रोचकता आई हो। अब जब इंडिया ने सीरीज जीत ली है, तो टी20 सीरीज में और भी रोमांच होगा।”
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