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झारखंड राजनीति: आदिवासी समाज के अस्तित्व की रक्षा का समय
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें उन्होंने आदिवासी समाज के अस्तित्व, संस्कृति और अधिकारों की सुरक्षा को लेकर चिंता प्रकट की। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि आदिवासी समाज को अपनी पहचान और संस्कृति की रक्षा के लिए निर्णायक संघर्ष करना होगा। उनके अनुसार, यह लड़ाई न केवल आदिवासी समुदाय के लिए बल्कि समस्त मानवता के लिए महत्वपूर्ण है।
संस्कृति और अधिकारों की रक्षा
हेमंत सोरेन ने आदिवासी समाज के इतिहास और उनकी परंपराओं पर जोर देते हुए कहा कि इन तत्वों की सुरक्षा अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि कानूनी प्रावधान एवं सरकारी नीतियों का उपयोग कर आदिवासियों के अधिकारों को संरक्षित करना चाहिए। उनका मानना है कि जब तक आदिवासी समुदाय अपने हक के लिए आवाज नहीं उठाएगा, तब तक उनकी समस्याएं सुनने वाला कोई नहीं होगा।
समर्थन का वादा
राज्य सरकार ने आदिवासी समुदाय को अपने साथ खड़ा करने का वादा किया है। हेमंत सोरेन ने यह बताया कि उनकी सरकार सभी प्रकार के संघर्ष में आदिवासी समाज का सहयोग करेगी। यह समर्थन आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से होगा, जिससे आदिवासी समुदाय अपनी समस्याओं का समाधान कर सके।
भविष्य की रणनीति
सोरेन ने यह भी कहा कि सरकार के पास एक ठोस रणनीति होगी, जिसके तहत आदिवासी लोगों की आवाज को उचित मंच पर पहुँचाया जाएगा। उनकी इच्छा है कि आदिवासी समाज को न केवल उनके अधिकारों की पहचान मिले, बल्कि उन्हें उन्हें प्राप्त करने के लिए जोड़े भी।
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