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खगोल प्रेमियों के लिए विशेष अवसर: ‘कोल्ड मून’ सुपरमून का अद्भुत दृश्य
आज का दिन खगोल प्रेमियों के लिए बहुत खास है! गुरुवार की रात आकाश में इस वर्ष की आखिरी पूर्णिमा के रूप में ‘कोल्ड मून’ सुपरमून दिखाई देगा। यह चंद्रमा सामान्य पूर्णिमा की तुलना में लगभग 10% बड़ा और चमकीला होगा, जो रातभर आसमान को रोशन करेगा। अगर आप खगोल विज्ञान के शौकीन हैं, तो आज शाम से पूर्वी क्षितिज की ओर ध्यान दें – यह एक अद्भुत दृश्य साबित होगा!
क्या है सुपरमून?
सुपरमून तब उत्पन्न होता है जब पूर्णिमा के दौरान चंद्रमा पृथ्वी के निकटतम बिंदु (पेरिजी) के पास होता है। आज का चंद्रमा पृथ्वी से केवल 222,000 मील (लगभग 357,000 किलोमीटर) की दूरी पर होगा, जिससे यह सामान्य चंद्रमा के मुकाबले बड़ा और अधिक चमकदार लगेगा। 2025 में यह तीसरा और अंतिम सुपरमून है, जिसे पहले अक्टूबर में हार्वेस्ट सुपरमून और नवंबर में बिवर सुपरमून के रूप में देखा गया था।
चंद्रमा को देखने का सही समय और तरीका
पीक टाइम: पूर्णिमा का उच्चतम समय 4 दिसंबर को शाम 6:14 बजे (EST) होगा, जो भारत में 5 दिसंबर को सुबह 4:44 बजे (IST) के आस-पास होगा। हालांकि, चंद्रमा 3 से 5 दिसंबर की रातों में पूरी तरह से दिखाई देगा।
भारत में सर्वोत्तम दृश्य: आज शाम सूर्यास्त के बाद (लगभग 5:30 बजे IST) पूर्व दिशा में चंद्रमा उगता हुआ दिखेगा। 5 दिसंबर की शाम को, यह सूर्यास्त के ठीक एक घंटे बाद उपस्थिति देगा, जो सबसे प्रभावशाली दृश्य होगा। दिल्ली में चंद्रमा का उगने का समय लगभग 5:45 बजे IST निर्धारित है।
दर्शकों के लिए सुझाव
एक प्रदूषण-मुक्त स्थान का चयन करें, जैसे ऊँचे मैदान, समुद्र तट या खुले क्षेत्र। दूरबीन या कैमरा का उपयोग करें। मौसम साफ रहने की उम्मीद है, लेकिन यदि बादल आए तो अगली रात देखने का प्रयास करें।
विशेषताएं: वर्ष का सबसे ऊँचा चंद्रमा
इस कोल्ड सुपरमून का एक अद्वितीय पहलू यह है कि यह 2025 का सबसे ऊँचा पूर्ण चंद्रमा होगा। उत्तरी गोलार्ध में यह वृषभ राशि (टॉरस) में उगता है और प्लेइड्स तारे समूह के साथ एक सुंदर त्रिकोण बनाएगा। इसे पारंपरिक रूप से ‘स्नो मून’ या ‘लॉन्ग नाइट मून’ भी कहा जाता है, जो ठंड के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है।
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