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चतरा में स्वास्थ्य केंद्र पर नवजात की मृत्यु
चतरा जिले के ऊंटा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हाल ही में एक नवजात बच्ची की मृत्यु ने इलाके में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है। परिजनों ने स्वास्थ्य केंद्र की नर्सों पर गंभीर आरोप लगाया है कि उन्हें बच्चे को सौंपने से पहले पैसे की मांग की गई थी। बिजली कटने के कारण ऑक्सीजन सपोर्ट बाधित हुआ, जिससे नवजात की हालत बिगड़ गई और उसकी मृत्यु हो गई।
घटना की जानकारी
यह घटना 2-3 दिसंबर 2025 की रात को हुई। ऊंटा निवासी विशाल रजक की पत्नी, खुश्बू देवी ने इसी स्वास्थ्य केंद्र में एक बच्ची को जन्म दिया। जन्म के तुरंत बाद बच्ची की सेहत खराब हो गई और उसे ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया। परिजनों के अनुसार, स्वास्थ्य केंद्र के स्टाफ ने उन्हें बच्चे को सौंपने से पहले पैसे मांगे।
परिजनों की शिकायतें
विशाल रजक ने बताया कि, “जब हमने पैसे नहीं दिए, तो बच्ची को काफी देर तक नहीं दिया गया। मजबूरी में जब हमने पैसे दिए, तब बच्ची को सौंपा गया। लेकिन उस समय तक बहुत देर हो चुकी थी। बिजली जाने के कारण ऑक्सीजन सप्लाई बंद हो गई और बच्ची की स्थिति गंभीर हो गई।” उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य केंद्र में कोई जनरेटर या वैकल्पिक व्यवस्था नहीं थी।
स्वास्थ्य केंद्र की प्रतिक्रिया
इस घटना पर ऊंटा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की एएनएम ने सभी आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि बच्ची की हालत जन्म के कुछ ही समय बाद खराब होने लगी थी। उनका दावा है कि तुरंत प्राथमिक उपचार दिया गया और बच्ची को रेफर किया गया। पैसे मांगने के आरोप पूरी तरह से निराधार हैं।
ग्रामीणों का प्रदर्शन
घटना के बाद, सैकड़ों ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे और हंगामा किया। लोगों का कहना है कि ऊंटा पीएचसी में बिजली की स्थायी व्यवस्था नहीं है, न ही जनरेटर और न ही अन्य आपातकालीन सुविधाएं। इस प्रकार की लापरवाही के कारणPatients की जान संकट में है। परिजनों ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से उच्चस्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
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