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शिवसेना के सांसद संजय राउत का कांग्रेस के बीएमसी चुनाव पर बयान
नई दिल्ली। शिवसेना (UBT) के सांसद संजय राउत ने सोमवार को बताया कि वह बीएमसी चुनावों में कांग्रेस के अकेले मैदान में उतरने के निर्णय पर पार्टी के आलाकमान से चर्चा करेंगे। एक महीने से अधिक समय के उपरांत संवाददाताओं से बात करते हुए राउत ने कहा कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) को पराजित करने के लिए महा विकास आघाड़ी में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) का होना आवश्यक है। उनका कहना है कि यदि कांग्रेस बीएमसी चुनाव अकेले लड़ती है, तो यह भाजपा के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।
कांग्रेस का गठबंधन से इनकार
पिछले महीने, कांग्रेस की मुंबई इकाई ने मनसे के साथ गठबंधन करने से स्पष्ट इनकार कर दिया था और स्वतंत्र रूप से नगर निकाय चुनाव में भाग लेने की बात कही थी। इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए राउत ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस को वास्तविक रूप से महा विकास आघाड़ी (MVA) का हिस्सा बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि चर्चाएं चल रही हैं, लेकिन यदि बिहार चुनाव के परिणामों के बाद कांग्रेस का आत्मविश्वास बढ़ा है और वे स्वतंत्र चुनाव लड़ने की सोच रहे हैं, तो उन्हें ऐसा करने का अधिकार है। पिछले महीने हुए बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने 200 से अधिक सीटें जीतकर अपनी सरकार बनाए रखी, जबकि कांग्रेस केवल 6 सीटों पर सिमट गई।
दिल्ली यात्रा और गठबंधन की संभावना
राउत ने कहा कि वह दिसंबर के दूसरे सप्ताह में दिल्ली जाएंगे और कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात का प्रयास करेंगे। उनका स्पष्ट मत है कि कांग्रेस को मुंबई में महा विकास आघाड़ी का हिस्सा बनना चाहिए क्योंकि राज ठाकरे के साथ आने से भाजपा की हार सुनिश्चित होगी। शिवसेना और मनसे के बीच सकारात्मक चर्चाएं चल रही हैं और सीटों के बंटवारे पर भी बैठकें हो रही हैं। राउत ने उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच स्वस्थ संवाद का भी उल्लेख किया।
भाजपा पर आरोप
इस दौरान, राउत ने भाजपा पर पिछले पांच वर्षों में महाराष्ट्र में चुनावी संस्कृति को खराब करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नगरपालिका परिषद और नगर पंचायत चुनावों में धन का इतना बड़ा उपयोग कभी नहीं हुआ।
स्थानीय निकाय चुनावों की स्थिति
महाराष्ट्र में विभिन्न स्थानीय निकायों के चुनाव मंगलवार को होने वाले हैं। हालांकि, बीएमसी और अन्य नागरिक निकायों के चुनावों की तिथि अभी निर्धारित नहीं हुई है। उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिया है कि महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव 31 जनवरी, 2026 तक संपन्न होने चाहिए।
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