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रांची: दूल्हे की आत्महत्या का मामला, डीजीपी ने भेजी जांच टीम
रांची: डीजीपी तदाशा मिश्रा ने 30 नवंबर को मीडिया में प्रकाशित एक खबर के संबंध में गंभीर संज्ञान लिया है, जिसमें दूल्हे द्वारा आत्महत्या और पुलिस की प्रताड़ना के आरोप लगाए गए हैं। इस मामले की गंभीरता को समझते हुए, डीजीपी ने रांची प्रक्षेत्र के आईजी मनोज कौशिक को आदेश दिए हैं कि वे इस मामले की विस्तृत जांच करें और तीन दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। जांच के लिए आवश्यक सभी तथ्यों को इकट्ठा करने का निर्देश भी दिया गया है।
इसके साथ ही, रांची के एसएसपी को भी तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। आरोपों को ध्यान में रखते हुए, संबंधित पुलिस अधिकारी या कर्मचारी को तुरंत लाइन हाजिर करने के आदेश दिए गए हैं। पुलिस मुख्यालय ने स्पष्ट किया है कि यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।
शनिवार को रांची से लातेहार जाने वाली थी बारात
जानकारी के अनुसार, रितेश पांडेय (मृतक) की बारात शनिवार को रांची से लातेहार जाने वाली थी। आरोप है कि बारात निकलने से पहले मुंशी परशुराम ने पैसों की मांग की। दूल्हा रितेश ने पैसे देने से मना कर दिया, जिसके बाद सुखदेवनगर पुलिस थाने के मुंशी ने एक मामले में गिरफ्तारी का दबाव बनाया। इस तनाव के चलते रितेश ने अपने कमरे में जाकर आत्महत्या कर ली। घटना की जानकारी मिलने के बाद परिजनों ने पुलिस को सूचित किया। सूत्रों के अनुसार, मुंशी परशुराम ने मृतक दूल्हे से 10 लाख रुपये की वसूली की थी, जो थानेदार और अन्य उच्च अधिकारियों के नाम पर थी। यह लेन-देन सुखदेवनगर थाने के बाहर गुमटी में हुआ था, जिसका गवाह मृतक दूल्हे का पिता भी है।
पैसे के बावजूद एफआईआर दर्ज की गई
पुलिस के मुताबिक, आत्महत्या की घटना के बाद मामले का सच सामने आने लगा है। शुरुआत में मुंशी परशुराम ने केस को मैनेज करने के लिए पैसे मांगे, और फिर मौके का फायदा उठाते हुए थाना प्रभारी ו अन्य अधिकारीयों से भी पैसे लेने लगा। पैसे लेने के बावजूद मुंशी ने स्पष्ट कहा कि मामला केवल 10 दिनों तक ही मैनेज होगा। इस दौरान मोबाइल बंद रखकर शादी कर लो। पूरी स्थिति स्पष्ट होने के बावजूद, 27 या 28 नवंबर को मृतक दूल्हे रितेश पांडेय के खिलाफ FIR दर्ज कर दी गई।
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