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विपक्षी दलों की एसआईआर पर चर्चा की मांग
नई दिल्ली। विपक्षी दलों के नेताओं ने रविवार को राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का मुद्दा उठाया। नेताओं ने उच्च सदन में सोमवार को इस विषय पर संक्षिप्त चर्चा कराने की मांग की। एक सूत्र के अनुसार, विपक्षी दलों ने कहा कि वे भी चाहते हैं कि संसद का कार्य smoothly चले। उन्होंने चुनाव सुधारों की तत्काल आवश्यकता पर चर्चा कराने के लिए सोमवार को अपराह्न 2 बजे एक संक्षिप्त चर्चा कराने की भी मांग की। यदि चर्चा नहीं होती है, तो सरकार को संसद में गतिरोध का जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
सर्वदलीय बैठक का महत्व
उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति सी. पी. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में विपक्षी नेताओं ने एसआईआर के मुद्दे पर गंभीरता दिखाई। दिन में हुई सर्वदलीय बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा की गई। ध्यान देने वाली बात यह है कि संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से शुरू हो रहा है और 19 दिसंबर को समाप्त होगा।
सदन की कार्यवाही का सहयोग
सूत्रों के अनुसार, विपक्षी दलों ने सदन की सुचारू कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए सहयोग करने की सहमति जताई। उन्होंने राज्यसभा के सभापति से सोमवार को एसआईआर पर चर्चा की अनुमति देने का अनुरोध किया। एक वरिष्ठ विपक्षी नेता ने चुनाव सुधारों की शुद्धता और पारदर्शिता को मजबूत करने की आवश्यकता जैसे शीर्षकों पर भी चर्चा करने का सुझाव दिया।
विभिन्न मुद्दों पर चर्चा का आह्वान
विपक्षी दलों ने सर्वदलीय बैठक में एसआईआर के साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा, वायु प्रदूषण, विदेश नीति, किसानों की स्थिति, महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस सत्र में इन महत्वपूर्ण विषयों पर विचार किया जाना चाहिए।
सरकार की प्रतिक्रिया
सरकार ने कहा है कि संसद की कार्यवाही सही ढंग से चलनी चाहिए और वह गतिरोध की स्थिति से बचने के लिए विपक्ष से वार्तालाप जारी रखेगी। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने चुटीले अंदाज में कहा कि यह शीतकालीन सत्र है और सभी को “ठंडे दिमाग से” काम करना चाहिए।
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