Table of Contents
फिल्म ‘तेरे इश्क में’ ने कृति सेनन की परफॉर्मेंस पर छेड़ा चर्चा
आनंद एल राय की रोमांटिक ड्रामा ‘तेरे इश्क में’ अब सिनेमाघरों में प्रदर्शित हो चुकी है। धनुष और कृति सेनन की जोड़ी ने दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया है, खासकर कृति के किरदार मुक्ति के लिए, जिसे उन्होंने बेहतरीन ढंग से निभाया है। उनकी अदाकारी को देखकर दर्शक दंग रह गए हैं और सोशल मीडिया पर उनकी प्रशंसा का एक नया सिलसिला शुरू हो गया है। कई यूजर्स का मानना है कि कृति, आलिया भट्ट से भी बेहतर अदाकारा साबित हो रही हैं।
एक ट्विटर यूजर ने लिखा, “कृति वास्तव में आलिया से कहीं अधिक प्रतिभाशाली हैं; उन्हें भी वैसी ही स्क्रिप्ट और मौके मिलें तो वो भी शीर्ष पर हो सकती हैं। आलिया के किरदार अक्सर मुख्य भूमिका में होते हैं, जबकि कृति को अक्सर साइड में रखा जाता है।” एक अन्य प्रशंसक ने उनकी प्रतिभा को लेकर चिंता जताते हुए कहा, “हमेशा से यह कहते आए हैं कि कृति सेनन सबसे अंडररेटेड एक्ट्रेस हैं। नेपोटिज्म के कारण उनकी असली क्षमता को दबा दिया जाता है।”
फिल्म में कृति की अदाकारी पर फैंस मानवता के क़ायल हुए
एक तीसरे यूजर ने अपनी सहमति व्यक्त करते हुए लिखा, “कृति को लगातार अच्छे किरदार नहीं मिले हैं, वरना वह अब तक शीर्ष पर होतीं। आलिया को हर साल दो से तीन बड़े प्रोजेक्ट मिलते हैं, जबकि कृति को मुश्किल से एक.” अधिकांश दर्शकों का कहना है कि कृति ने इस फिल्म में अपनी अब तक की सबसे गहरी और भावुक अदाकारी पेश की है। विशेष रूप से वह मंज़र, जहां मुक्ति अपने अतीत से जूझती है, ने दर्शकों को उनकी प्रतिभा की सराहना करने पर मजबूर कर दिया है।
Kriti Sanon is flawless in Tere Ishq Mein. Legit pulled off role like lady Kabir Singh with intense emotions and her screen presence is something else. Bollywood has finally got its best in all current actresses.
— feryy (@ffspari) November 29, 2025
कई दर्शकों ने कृति के चेहरे के हाव-भाव और आंखों के अभिनय की तारीफ की और कहा कि उनकी परफॉर्मेंस ने उन्हें भावुक कर दिया। ‘तेरे इश्क में’ के रिलीज से पहले ही कृति के प्रति एक अलग उत्साह था, लेकिन अब उनकी अदाकारी ने सभी उम्मीदों को पार कर दिया है। ट्रेड एनालिस्ट्स का मानना है कि यह फिल्म कृति सेनन के करियर के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है। इस बीच, सवाल यह उठता है कि क्या बॉलीवुड कृति को वे अवसर देगा जो वह हकदार हैं, या फिर एक बार फिर नेपोटिज्म का खेल जारी रहेगा?
Have any thoughts?
Share your reaction or leave a quick response — we’d love to hear what you think!
